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A Spiritual poem -by Ashutosh Joshi
हे महादेव,
आप विस्मृत नही, विश्वास है,
सम्मुख नही, पर पास है.
जीवन का प्रकाश है,
तिमिर का नाश है.
आप जल है,आप वायु है,
आप धरती है, आप आकाश है.
आप ध्यान है,आप पूजा है,
आप ही सुख है, आप ही विमुख है.
आप सद्दृश्य है, आप अदृश्य है,
आप ही भ्रांति है,आप ही शांति है.
आप सुरक्षा है,आप कवच है,
आप ही झूठ है,आप ही सच है.
हे महादेव,
रक्षा करे,रक्षा करे.
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