Friday, May 1, 2015

हे महादेव, आप विस्मृत नही, विश्वास है,

Today's Blog- A poem in form of Shiv-archana- Written by Astrologer Ashutosh-


हे महादेव,
आप विस्मृत नही, विश्वास है,
सम्मुख नही, पर पास है.

जीवन का प्रकाश है,
तिमिर का नाश है.
आप जल है,आप वायु है,
आप धरती है, आप आकाश है.
आप ध्यान है,आप पूजा है,
आप ही सुख है, आप ही विमुख है.
आप सद्दृश्य है, आप अदृश्य है,
आप ही भ्रांति है,आप ही शांति है.
आप सुरक्षा है,आप कवच है,
आप ही झूठ है,आप ही सच है.
हे महादेव,
आप हमारे देश की रक्षा करे,रक्षा करे.
हमारे देश की रक्षा हेतु मेरी इस भक्ति-कविता का पाठ करे, ये हमारे देश के प्रति हमारा दायित्व भी है ! ! ! 
 ये कविता मैंने 14 जुलाई 2011 को मुंबई में हुए दंगों के बाद दुखी होकर फेसबुक पर 
( On my shreepad gems account) पोस्ट की थी ! 
----आशुतोष 

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