Today's Blog
GOOD ARTICLE FROM DAINIK BHASKAR DOT COM
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JYO-RAN-importance-of-vaishakh-month-4951974-PHO.html?seq=2
GOOD ARTICLE FROM DAINIK BHASKAR DOT COM
http://religion.bhaskar.com/news/JM-JYO-RAN-importance-of-vaishakh-month-4951974-PHO.html?seq=2
हिन्दी पंचांग के अनुसार शनिवार, 4 अप्रैल से वैशाख मास प्रारंभ हो रहा है। ये माह 4 मई तक रहेगा। इस माह में भगवान विष्णु का पूजन विशेष रूप से किया जाता है। वैशाख मास स्नान आरंभ हो जाता है। स्कंद पुराण में वैशाख मास को सभी मासों में उत्तम बताया गया है। पुराणों में कहा गया है कि जो व्यक्ति वैशाख मास में सूर्योदय से पहले स्नान करता है तथा व्रत रखता है, वह भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करता है। श्रीहरि की कृपा से घर की दरिद्रता दूर हो सकती है। सभी दुखों से मुक्ति मिलती है और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। वैशाख मास के देवता भगवान मधुसूदन हैं और इस मास में जल दान का विशेष महत्व है।
स्कंदपुराण में उल्लेख है कि महीरथ नामक राजा ने केवल वैशाख स्नान से ही वैकुण्ठधाम प्राप्त किया था। इस मास में व्रत करने व्यक्ति को प्रतिदिन सूर्योदय से पहले किसी तीर्थ स्थान, सरोवर, नदी या कुएं पर जाकर या घर पर ही स्नान करना चाहिए। घर स्नान करते समय पवित्र नदियों का नाम जपना चाहिए। स्नान के बाद सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें।
अर्घ्य देते समय इस मंत्र का जप करें-
वैशाखे मेषगे भानौ प्रात: स्नानपरायण:।
अध्यं तेहं प्रदास्यामि गृहाण मधुसूदन।।
वैशाख मास में करना चाहिए ये उपाय
1. वैशाख व्रत की कथा सुनना चाहिए।
2. ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र का जप करना चाहिए।
3. व्रत करने वाले व्यक्ति को एक समय भोजन करना चाहिए।
4. वैशाख मास में जल दान का विशेष महत्व है। यदि संभव हो तो इस माह में प्याऊ की स्थापना करवाएं या किसी प्याऊ में मटके का दान करें।
5. किसी जरुरतमंद व्यक्ति को पंखा, खरबूजा, अन्य फल, अन्न आदि का दान करना चाहिए।
हिन्दी पंचांग के अनुसार दूसरा माह है वैशाख
हिन्दी पंचांग के अनुसार चैत्र मास के बाद दूसरा वैशाख मास है। इस माह को बहुत पवित्र और पूजन कर्म के लिए श्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि इसका संबंध कई देव अवतारों से है। प्राचीन काल में इस माह के शुक्ल पक्ष की अक्षय तृतीया तिथि पर भगवान विष्णु के नर-नारायण, परशुराम, नृसिंह और ह्ययग्रीव अवतार हुए हैं। शुक्ल पक्ष की नवमी को माता सीता धरती से प्रकट हुई थीं। चार धाम में से एक बद्रीनाथ धाम के कपाट वैशाख माह की अक्षय तृतीया से ही खुलते हैं। वैशाख के शुक्ल पक्ष की द्वितीया को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा भी निकलती है। वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर देववृक्ष वट की पूजा की जाती है। इस माह में किए गए दान, स्नान, जप, यज्ञ आदि शुभ कर्मों से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
भगवान विष्णु के पूजन की सामान्य विधि...
वैशाख माह में भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है। किसी ब्राह्मण की मदद से विधि-विधान से भगवान विष्णु का पूजन किया जा सकता है। यदि आप स्वयं पूजन करना चाहते हैं तो ये है भगवान विष्णु पूजन की सामान्य विधि...
हर रोज सुबह स्नान आदि कर्मों से निवृत्त होकर पीले वस्त्र धारण करें। इसके बाद घर के मंदिर में ही भगवान विष्णु की पूजा करें। मिठाई का नैवेद्य, चावल, पीले फूल व धूप, दीप आदि पूजन सामग्रियों का उपयोग करते हुए पूजा करें।
पूजन में मंत्र ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः का जप करें। मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें।
***********************
No comments:
Post a Comment