Saturday, June 1, 2013

इस देश को कौन बचायेगा ?

इस देश को कौन बचायेगा ?


From The Wicket dot com with thanks 


आज पूरे विश्व के क्रिकैट प्रेमियों का सिर शर्म से झुक गया है. पैसे की हवस ने युवा लोंगो को किसी भी स्तर पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है ! पूरा विश्व युवाओं को आने वाले समय में प्रगति और प्रशासन हेतु सक्षम बनाना चाहता है !शिक्षा का स्तर पहले से बहुत बेहतर है और जीवन शैली सरलतम बनाई जां रही है, किन्तु फिर भी पूरी तरह से सकारात्मक सोच विकसित होने का प्रतिशत कम है !

इसके अलावा मुख्य रुप से कहना पड़ेगा कि "डर" नाम कि कोई चीज ही नही है ! हर तरह के अपराधी, निर्भीक है, अपराध के पहले भी और अपराध के बाद पकड़े जाने के बाद भी यह निर्भीकता बने रहना , हमारे कमजोर सिस्टम को ही उजागर करता है !

इस तरह के या हर तरह के अपराधों पर काबू पाने के लिए क्या करने कि आवश्क्यता है, क्या हम कर रहे है ?  ये एक विश्लेषण का मुद्दा है !  और सरकार तथा सामाजिक संस्थाओं को पहल करके इस विषय पर विस्तृत योजना के तहत काम करने कि आवश्क्यता है ! हम सब बयानबाजी करते है, और बयानबाजी होते हुये देखते है और सुनते भी है ! समाज में बदलाव केवल जन-आंदोलन से ही आ सकता है ! जन-आंदोलन  की ताकत, सरकार की ताकत से अधिक प्रभावशाली प्रतीत हो रही है ! अण्णा जी का आंदोलन और अनिल जी की टीम के प्रयासों ने यह साबित भी कर दिया है !

देश के हालात यह बता रहे है, कि किसी बड़ी क्रांति का आगाज़ कभी भी हो सकता है ! और इसमे मुख्य भुमिका  देश की जनता की ही होगी  ! क्या देश की जनता इसके लिए तैयार है ?

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