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मस्तिष्क का दायां हिस्सा रचनात्मकता का ध्यान रखता है। और यही हिस्सा आपके शरीर के बायें हिस्से को नियंत्रित करता है। ब्रश करते समय, लिखते समय जैसे छोटे-छोटे काम करते समय अगर आप अपना बायां हाथ इस्तेमाल करते हैं, तो इससे आपकी रचनात्मकता में करीब 50 फीसदी तक बढ़ोत्तरी होती है। इजराइल में हुए एक शोध में यह बात प्रमाणित हुई है। शोधकर्ताओं का कहना है कि केवल बायें हाथ की मुट्ठी खोलने बंद करने से भी आपकी रचनात्मकता में इजाफा होता है।
थिनाइन एक प्रकार का एमीनो एसिड है जो हरी चाय की पत्तियों में पाया जाता है। यह मस्तिष्क में तनाव उत्पन्न करने वाले केमिकल्स को रोकता है। इससे चिंता दूर होती है और आपको एकाग्र करने में मदद मिलती है। जापानी शोधकर्ताओं ने इस बात की पुष्टि की है। जर्नल ऑफ न्यूरोफारमाकोलॉजी में छपे एक लेख के अनुसार ग्रीन टी में पाया जाने वाला कैफीन थकान को दूर रखकर आपको जागृत और एकाग्र रखता है।
मोबाइल पर टेढ़े-मेढ़े ब्लॉक जोड़ने वाली गेम भले ही आपको सामान्य लगे, लेकिन वास्तव में यह दिमाग की क्षमता को बढ़ाने काम करती है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के मुताबिक इस गेम को खेलते समय दिमाग के ज्यादातर न्यूरॉन काम करते हैं। नींद बढ़ायें याद्दाश्त
जर्मनी में हुए एक शोध के अनुसार 40 मिनट की नींद के बाद लोगों ने मैमोरी गेम में 25 फीसदी अधिक अंक हासिल किये। मस्तिष्क में शॉर्ट टर्म मैमोरी बहुत कम समय के लिए जमा होती है और यह आसानी से खत्म भी हो जाती है। तो, नींद हमारी याद्दाश्त की प्रक्रिया को मजबूत बनाती है और थोड़े समय के लिए रहने वाली याद्दाश्त को स्थायी बनाने में मदद करती है। इससे इन्हें रिकॉल करना आसान होता है।
विटामिन बी का सेवन अल्जाइमर के खतरे को कम करता है। यूनिवर्सिटी ऑफ ऑक्सफोर्ड के शोध में यह बात सामने आई है कि जो बुजुर्ग लगातार दो साल तक नियमित रूप से संतुलित मात्रा में विटामिन बी का सेवन करते हैं, उन्हें अल्जाइमर होने का खतरा कम होता है। इसके साथ ही विटामिन बी डिमेंशिया और अल्जाइमर के खतरे को भी कम करता है। लेकिन, हरी पत्तेदार सबिजयां, अंडे, मीअ और मछली आदि एमीनो एसिड का स्राव करती हैं, जिससे उम्र संबंधित मस्तिष्क संकुचन में बढ़ावा होता है।
प्यासे लोगों के मुकाबले जिन लोगों के शरीर में पानी की कोई कमी नहीं होती, उनका रिएक्शन टाइम कम होता है। यहां तक कि शरीर में पानी की हल्की सी कमी से भी दिमाग को काफी नुकसान होता है। इस परिस्थिति में दिमाग आपको कुछ पीने की हिदायत देता है। यदि आप इस परिस्थिति में पानी नहीं पीते हैं, तो यह शरीर के अन्य हिस्सों से पानी खींचने लगता है। इसके साथ ही अगर आप कई घंटे से मूत्र त्यागने नहीं गये हैं, या फिर आपका पेशाब पीला है, तो आपको जरूर पानी पीना चाहिये। आहार में करिये बदलाव
यूके के शोधकर्ताओं ने पाया कि सेज (एक प्रकार की वनस्पति) का सेवन करने वाली महिलाओं की रिकॉल मैमोरी में 35 फीसदी का इजाफा देखा गया। सेज में एक्टीलकोलाइन नाम का एक एंटी-ऑक्सीडेंट होता है। यह रसायन अल्जाइमर के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होता है। शोध में शामिल प्रतिभागियों ने केवल 50 माइक्रोलीटर के सेज के कैप्यूल का सेवन किया था और उसी से उन्हें इतना फायदा हुआ।
आप अपने खाली समय फेसबुक खेलते हैं या फिर सुडोकू सुलझाते रहते हैं। मैक्गिल यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार रोजाना एक जैसे काम करते-करते आपके मस्तिष्क को उसकी आदत हो जाती है। और ऐसे में उन कसरतों में आपके दिमाग को कम मेहनत करनी पड़ती है। और आपके मस्तिष्क जिन अंतग्रथियों का इस्तेमाल रोजाना करता है वे तो मजबूत हो जाती हैं, और बाकी धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं। कोनकार्डिया युनिवर्सिटी का शोध कहता है कि इस प्रभाव को कम करने के लिए अपनी दिनचर्या को बदलते रहिये। वर्कआउट से लेकर, खाना पकाने और खाने तक के अंदाज में बदलाव लाते रहें। इससे आपके मस्तिष्क को नयी-नयी ग्रंथियों का इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा। इससे आपके आईक्यू में सुधार होगा। और साथ ही मस्तिष्क की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी।
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अपने शरीर को फिट रखने के लिए आप अच्छा खाते हैं। और नियमित व्यायाम करते हैं। लेकिन, आखिर अपने दिमाग के लिए आप क्या करते हैं। याद रखिये यदि आपका मस्तिष्क स्वस्थ और तेज नहीं होगा, तो आपके लिए अपने रोजमर्रा के कामों को निपटा पाना भी आसान नहीं होगा।
बायां हाथ बढ़ाये रचनात्मकता
ग्रीन टी बढ़ाये एकाग्रता
टेटरिस बढ़ाये दिमाग की क्षमता
जर्मनी में हुए एक शोध के अनुसार 40 मिनट की नींद के बाद लोगों ने मैमोरी गेम में 25 फीसदी अधिक अंक हासिल किये। मस्तिष्क में शॉर्ट टर्म मैमोरी बहुत कम समय के लिए जमा होती है और यह आसानी से खत्म भी हो जाती है। तो, नींद हमारी याद्दाश्त की प्रक्रिया को मजबूत बनाती है और थोड़े समय के लिए रहने वाली याद्दाश्त को स्थायी बनाने में मदद करती है। इससे इन्हें रिकॉल करना आसान होता है।
विटामिन बी कम करे अल्जाइमर का खतरा
प्रतिक्रियात्मक समय बढ़ाये पानी
यूके के शोधकर्ताओं ने पाया कि सेज (एक प्रकार की वनस्पति) का सेवन करने वाली महिलाओं की रिकॉल मैमोरी में 35 फीसदी का इजाफा देखा गया। सेज में एक्टीलकोलाइन नाम का एक एंटी-ऑक्सीडेंट होता है। यह रसायन अल्जाइमर के मरीजों के लिए भी फायदेमंद होता है। शोध में शामिल प्रतिभागियों ने केवल 50 माइक्रोलीटर के सेज के कैप्यूल का सेवन किया था और उसी से उन्हें इतना फायदा हुआ।
रोजमर्रा की जिंदगी में करें बदलाव
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