Friday, September 12, 2014

उत्तर दिशा की ऒर सिर करके क्यो सोना नही चाहिये.

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  • मुर्दे को उत्तर दिशा में सर रखकर जलाने का विधान है 
  • इसलिए उत्तर दिशा में सर रखकर सोने से मृत्यु तुल्य कष्ट होता है या बीमारी की सम्भावना बढ़ जाती है 
  • माँ पर्वती ने अपने शारीर के मैल से गणेश जी उत्त्पति की, माँ पारवती जब नहा रही थी तब गणेश जी द्वार पर पहरा दे रहे थे,उसी समय अपने घर में भगवान शिव ने प्रवेश किया और दोनों एक दुसरे को न पहचान कर युद्ध करने लगे,इस युद्ध में भगवान शिव ने गणेश जीका सर कट कर अलग कर दिया,माँ पार्वती की जिद में भगवान शिव ने अपने अनुचरों को आदेश दिया कि जो भी व्यक्ति उत्तर दिशा कि ओर सिर करके सो रहा हो उसका सिर ले करके आओ.उस समय वास्तु का प्रचालन रहा होगा इसीलिए कोई भी व्यक्ति उत्तर दिशा कि ओर सिर करके सोता हुवा नही मिला. एक हाथी का बच्चा उत्तर दिशा में सिर करके सो रहा था ,भगवान शिव के अनुचरों ने उसी हाथी के सर को लाकर भगवन शिव को दिया और उसी हाथी के सिर से गणेश जी कि उत्त्पति हुयी. इसलिए सोते समय हमको सावधान रहना चाहिए क्योंकि उपर  देवता लड़ाई कर रहे हों और बेवजह हमे मृत्यु का देवता उठा के ले जाये 
  • इसलिए उत्तर दिशा की और सर करके किसी को भी सोने न दें 
  • अगर आपके जान पहचान में कोई बीमार हो तो उत्तर में सिर करके सोने से मना करें

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